प्रातः काल की ओर शयन कल की संध्या वंदन के लिए यही हो सकता है कि लोग शिकायत करें कि उसे वक्त तक हमारी नींद नहीं खोल ता है उसे वक्त तक तो हम दुकान पर रहते हैं अमुक काम करते हैं परंतु यह संध्या वंदन हर एक आदमी के लिए संभव है कि वह जब प्रातः काल उठ किसी भी वक्त तो उठेगा अतः कभी भी सोए तो जो सोने का समय हो उसे रात्रि का संध्या वर्धन कल मां लिया जाए और जब उठ जाए तो प्रातः काल का संध्या वंदन का समय मां ले तब फिर किसी को यह शिकायत नहीं रहेगी की हमको साधना उपासना के लिए संध्या वंदन के लिए समय नहीं मिलता ।
सबसे सरल तरीका यह हो सकता है !
दैनिक उपासना करने के संबंध में लोगों को एक और भी शिकायत रहती है कि हमको जाने के दोनों में ठंड लगती है स्नान करना संभव नहीं होता कैसे उठे पानी मिलता नहीं है उसके लिए यह संध्या वंदन जो आपको हम बता रहे हैं ।
इसको आप यहां से जा करके नियमित रूप से करते रहें संध्या वंदन के लिए ऋषियों ने जो प्रातः काल और सायंकाल का समय बताया है उसके स्थान पर प्रातः काल सो करके उठने का समय और रात्रि को सोने का समय यह दो समय आपके लिए हम नियुक्त किया देते हैं कई लोगों के पास स्थान नहीं होता पर स्थान नहीं है पूजा का सामान नहीं है नहाने का समय नहीं है तो ना सही फिर आप ऐसा करें चारपाई पर पार े पारे ी संध्या वंदन कर लिया करें इसके लिए ना उठने की जरूरत है और ना कुछ है इससे सरल तो संध्या वंदन का और कोई तरीका हो ही नहीं सकता यह सबसे सरलतम तरीका है कि आप प्रातः काल और सायं काल का संध्या वंदन अपनी चारपाई पर पार हुए भी उसे समय कर लिया करें जबकि आपकी नींद खुलती है और आप नींद लेने के लिए जाते हैं दोनों समय की इस संध्या को आप भूलना मत इसमें शिवाय आपकी लापरवाई और गिर जिम्मेदारी के अतिरिक्त और कोई बड़ा नहीं हो सकती आप चाहे तो नियमित रूप से हर परिस्थिति में बीमारियों में भी सफर में भी कहीं भी यह संध्या वंदन कर सकते हैं ।
क्या सच में नया जन्म नई मौत होता है ।
सायन काल की संध्या और प्रातः काल की संध्या में क्या करें क्या करना चाहिए क्या विचार करना चाहिए आपको इन दोनों समय्यों में आत्मबोध और तत्वबोध की साधना करनी चाहिए प्रातः काल जब आप.उठा करें तो एक नए जीवन का अनुभव किया करें यह अनुभव क्या कीजिए कि रात को सोने का अर्थ है पिछले जन्म की समाप्ति और उसे दिन की मौत सवेरे उठना का अर्थ है नया जन्म उठा करें तो एक नए जीवन का अनुभव किया करें यह अनुभव क्या कीजिए कि रात को सोने का अर्थ है पिछले जन्म की समाप्ति और उसे दिन की मौत सवेरे उठने का अर्थ है नया जान में जब आंख खुली तब नया जन्म आप या अनुभव कर लिया करें तू मजा आ जाए आप हर दिन सवेरे या अनुभव क्या कीजिए कि हमारा नया जन्म हो गया अब नए जन्म में क्या करना चाहिए आपकी सारी बुद्धिमानी इस बात पर टिकी हुई है कि आपने अपने जीवन संपदा का कि स तरीके से उपयोग किया यह मानना सही नहीं है कि यह जन्म भजन करने के लिए मिला हुआ है नहीं मित्रों यह जीवन भजन करने के लिए नहीं मिला हुआ है वरना इसलिए मिला है की आप इस जीवन की संपदा को ठीक तरीके से इस्तेमाल करें या आपकी परीक्षा है परीक्षा में जो पास हो जाते हैं अगली कक्षा में उनके नाम चढ़ा दिए जाते हैं फिर पास हो जाते हैं तो और आगे चढ़ा दिए जाते हैं ।
यह जो पहले परीक्षा भगवान ने आपको मनुष्य का जीवन देकर ली है उसमें आपका एक ही फर्ज हो जाता है कि आप इसका अच्छे से अच्छा उपयोग करके दिखाएं बस भगवान ने यही अपेक्षा की है आपसे यह उम्मीद है और यही वह चाहता है वह ना आपसे पूजा चाहता है ना उपहार चाहता है ना भजन चाहता है ना मनोहर चाहता है नाम मिठाई चाहता है ना कपड़े चाहता है ना कथा चाहता है और ना कीर्तन चाहता है इन सब बातों से भगवान का कोई ताल्लुक नहीं है यह तो अपने आप को परिशोधन की प्रक्रिया है ना जाने क्यों लोगों ने यह मान लिया है कि इससे भगवान प्रसन्न हो जाएगा ।।
एक सच्चा मनुष्य बनने का प्रयास कैसे करें
मनुष्य के जीवन से बढ़कर और क्या हो सकता है आप दूसरे प्राणियों पर नजर डालिए ना कोई नंगा फिर रहा है किसी के खाने का ठिकाना नहीं है कोई कही है तो कोई कहानी है ना बोल सकता है ना लिख सकता है किंतु आपको सारी सुविधाओं से भरा हुआ जीवन इसलिए दिया गया है कि आप उसका अच्छे से अच्छा उपयोग करके दिखाएं क्या अच्छा उपयोग हो सकता है जीवन का इसके दो ही अच्छे उपयोग हैं एक आप स्वयं को ऐसा बनाएं जिसको की आदमी कहा जा सकता है दूसरे के सामने आपका उदाहरण इस तरीके से पेश होना चाहिए कि जिसको देख करके दूसरे आदमियों को प्रकाश मिले रोशनी मिले या पीछे चलने का मौका मिले और आपकी यात्रा आत्मा कसाई कलमासो का परी शोध करते हुए साफ और स्वच्छ बनती चले जाये ।।
हमें बस आपसे यही उम्मीद है ।।।